जॉब वर्करों और प्रिंसिपल, जो जॉब वर्क के लिए वस्तुएं प्रेषित करते हैं, को कई सुविधाएं, प्रक्रियात्मक रियायतें प्रदान की गई हैं। समग्र विचार यह है कि प्रिंसिपल को जॉब वर्करों द्वारा प्रक्रमित वस्तुओं पर वर्कर की ओर से समस्त अनुपालन पूरा करने के लिए उत्तरदायी बनाया जाए क्योंकि सामान्यत: जॉब वर्कर छोटे व्यक्ति होते हैं और वे विधि के सुविज्ञ प्रावधानों को पूरा करने में अक्षम होते है। जीएसटी अधिनियम में जॉब वर्क के लिए वस्तुओं को हटाने तथा प्रोसेसिंग के पश्चात वस्तुओं को जीएसटी का भुगतान किए बिना वापस प्राप्त करने के संबंध में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों के लाभ प्रिंसिपल एवं जॉब वर्कर दोनों को प्राप्त होंगे।

जीएसटी के अंतर्गत जॉब वर्क

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 2(68) में जॉब वर्क को ‘’किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति की वस्तुओं पर किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कोई ट्रीटमेंट या प्रासेस’’ के रूप में परिभाषित किया गया है। जो व्यक्ति उक्त कार्य करता है उसे ‘’जॉब वर्कर’’कहते हैं। वस्तु का मालिकाना हक ‘’जॉब वर्कर’’को नहीं मिल जाता है परंतु वह उस वस्तु के प्रिंसिपल का ही रहता है। जॉब वर्कर का काम उस वस्तु पर उसके प्रिंसिपल द्वारा निर्धारित प्रासेस करना है।

जॉब वर्क के प्रक्रियात्मक पहलू

जॉब वर्क के संबंध में सशर्त कुछ सुविधाओं की पेशकश की गई है उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: (क) कोई पंजीकृत व्यक्ति (प्रिंसिपल) सूचना देकर और कतिपय शर्तों के अध्यधीन कर अदायगी किए बिना अंतर्निविष्टियां/पूंजीगत वस्तु एं जॉब वर्कर को भेज सकता है और वहां से फिर किसी अन्य जॉब वर्कर को भेज सकता है और जॉब वर्क पूरा होने के पश्चात उन वस्तुओं को कर भुगतान किए बिना ही वापस ले सकता है। उन वस्तुओं के प्रिंसिपल को यह अपेक्षित नहीं है कि वह जॉब वर्कर को प्रेषित अंतर्निविष्टियों या पूंजीगत वस्तुओं पर प्राप्त आईटीसी को प्रतिलोमित करे। (ख) अंतर्निविष्टियों या पूंजीगत वस्तुओं का प्रिंसिपल उन्हें अपने परिसर में लाए बिना ही जॉब वर्कर के पास सीधे भेज सकता है फिर भी प्रिंसिपल इन अंतर्निविष्टियों अथवा पूंजीगत वस्तुओं पर प्रदत्त कर का क्रेडिट प्राप्त कर सकता है। (ग) तथापि, जॉब वर्कर के पास प्रेषित अंतर्निविष्टियां और/ अथवा पूंजीगत वस्तु एं जॉब वर्कर के पास इन वस्तुओं को भेजने की तारीख से क्रमश: 1 वर्ष और 3 वर्ष के अंदर प्रिंसिपल के पास वापस करना अपेक्षित होता है। (घ) उन वस्तुओं का प्रक्रमण संसाधन करने के पश्चात वह जॉब वर्कर उन वस्तुओं को निम्नलिखित के पास भेजेगा: प्रिंसिपल द्वारा कर का भुगतान करने पर जॉब वर्कर के परिसर से उन वस्तुओं की आपूर्ति भारत में किसी तृतीय पक्षकार को सीधे भेजने और उसी तरह कर का भुगतान करके या भुगतान किए बिना निर्यात की सुविधा को प्रिंसिपल द्वारा पंजीकरण में जॉब वर्कर के परिसर को अपने व्यवसाय का एक अतिरिक्त स्थान घोषित करके प्राप्त की जा सकती है। यदि जॉब वर्कर जीएसटी के अंतर्गत एक पंजीकृत व्यक्ति है तो जॉब वर्कर के परिसर को व्यवसाय का अतिरिक्त स्थान घोषित करने की भी आवश्यकता नहीं है। जॉब वर्कर को वस्तुओं की आपूर्ति करने से पहले प्रिंसिपल को क्षेत्राधिकार वाले अधिकारी को प्रिंसिपल द्वारा भेजी जाने वाली अंतर्निविष्टियों के विस्तृत ब्यौरे और जॉब वर्कर द्वारा किए गए प्रक्रमण संसाधन की प्रकृति युक्त सूचना देना आवश्यक होता है। उक्त सूचना में अन्य जॉब वर्कर, यदि कोई हो तो, विवरण भी देना चाहिए। ये अंतर्निविष्टियां अथवा पूंजीगत वस्तुएं जॉब वर्कर को प्रिंसिपल द्वारा जारी चालान के कवर के अंतर्गत भेजी जाएंगी। यह चालान जॉब वर्कर को सीधी भेजी गई अंतर्निविष्टियों एवं पूंजीगत वस्तुओं के लिए भी जारी किया जाएगा। इस चालान में बीजक नियम के नियम 10 में विनिर्दिष्ट ब्यौरों का उल्लेख होगा। अंतर्निविष्टियों अथवा पूंजीगत वस्तुओं के लिए यथोचित हिसाब-किताब रखने का उत्तरदायित्व प्रिसिंपल का होगा।

जॉब कामगार को आपूर्ति की गई वस्तुओं पर इनपुट कर क्रेडिट

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 19 में प्रावधान है कि प्रिंसिपल (कर योग्य वस्तुएं जॉब वर्कर को आपूर्ति करने वाला व्यक्ति) जॉब वर्कर के पास जॉब वर्क के लिए प्रेषित अंतर्निविष्टियों पर भुगतान किए गए इनपुट कर का क्रेडिट प्राप्त करने का हकदार है। इसके अतिरिक्त, परंतुक में यह भी प्रावधान है कि प्रिंसिपल यह क्रेडिट तब भी प्राप्त कर सकता है जब उसने वे वस्तुएं अपने परिसर में लाए बिना ही जॉब वर्कर के पास सीधे ही भेज दी हों। प्रिंसिपल को यह अंतर्निविष्टियां पहले अपने व्यवसाय के स्थान पर लाने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है।

प्रक्रमण संसाधित वस्तुओं को वापस करने की समय-सीमा

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 19 के अनुसार प्रक्रमण संसाधन के पश्चात अंतर्निविष्टियां एवं पूंजीगत वस्तु एं उनको प्रक्रमण संसाधन के लिए भेजे जाने की तिथि से क्रमश: एक वर्ष अथवा तीन वर्ष के भीतर प्रिंसिपल को वापस लौटाना होंगी। इसके अतिरिक्त, जॉब वर्कर के पास प्रिंसिपल द्वारा भेजे गए सांचे और ढांचे (मोल्ड्स एवं डाईज), नमू ने एवं जुड़नार (जिग्स एवं फिक्सचर) अथवा औजार के मामलों में वस्तुओं को वापस करने का प्रावधान लागू नहीं होता है।

अंतर्निविष्टियों का विस्तृत आशय

सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 143 में दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार, जहां अंतर्निविष्टियों को जॉब वर्कर के पास भेजने से पहले कुछ प्रक्रमण किया जाता है, तो इन उत्पादों को प्रक्रमण कार्य किए जाने के पश्चात मध्यवर्ती उत्पाद (इन्टरमिडिएट प्रोडक्ट) के रूप में जाना जाएगा। इन मध्यवर्ती उत्पादों को भी कर का भुगतान किए बिना हटाया जा सकता है। इसलिए, अंतर्निविष्टियां तथा मध्यवर्ती उत्पाद दोनों को ही शुल्क का भुगतान किए बिना जॉब वर्कर के पास भेजा जा सकता है।

अपशिष्ट हटाने का प्रावधान

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 143(5) के अनुसरण में जॉब वर्कर के परिसर में सृजित अपशिष्ट की पंजीकृत जॉब वर्कर द्वारा अपने व्यवसाय के स्थान से कर का भुगतान करके सीधे आपूर्ति की जा सकती है अथवा यदि जॉब वर्कर पंजीकृत नहीं है तो यह अपशिष्ट प्रिंसिपल द्वारा हटाया जा सकता है।

परिवर्ती (ट्रांजिश्नल) प्रावधान

अपने मूल रूप में अंतर्निविष्टियां अथवा आंशिक रूप से प्रक्रमण संसाधित अंतर्निविधियां, जो मौजूदा विधि (केंद्रीय उत्पाद शुल्क) के प्रावधानों के अंतर्गत जीएसटी की शुरूआत से पहले जॉब वर्कर को भेजी गई हैं, और इन वस्तुओं को नियत दिन (अर्थात वह दिन जब से जीएसटी क्रियान्वित होगा) से 6 माह के भीतर वापस कर दी जाती हैं तो उन पर कोई कर देय नहीं होगा। यदि इन वस्तुओं को निर्धारित अवधि के भीतर वापस नहीं किया जाता है तो इन वस्तुओं पर प्राप्त किया गया इनपुट कर क्रेडिट की वसूली कर ली जाएगी। यदि विनिर्मित वस्तुओं को शुल्क का भुगतान किए बिना परीक्षण अथवा किसी ऐसे अन्य प्रक्रिमण संसाधन के लिए जो विनिर्माण की श्रेणी में नहीं आता है, नियत तिथि से पहले ही हटा दिया जाता है और उन वस्तुओं को नियत तिथि से 6 माह के अंदर ही वापस कर दिया जाता है तो उन पर कोई कर देय नहीं होगा। व्यवस्था परिवर्तन कालिक अवधि के दौरान इन प्रावधानों के प्रयोजनार्थ विनिर्माता एवं जॉब वर्कर को जॉब वर्क के लिए प्रेषित/प्राप्त वस्तुओं का विवरण, जीएसटी लागू होने के 90 दिनों के भीतर जीएसटी ट्रान-1 फार्मेट में प्रस्तुत करना होगा। Recommended Articles